भजन: जय माँ ब्रह्मचारिणी - Jai Maa Brahmcharini
जय माँ ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मा को दिया ग्यान।
नवरात्रे के दुसरे दिन सारे करते ध्यान॥
शिव को पाने के लिए किया है तप भारी।
ॐ नमो शिवाय जाप कर शिव की बनी वो प्यारी॥
भक्ति में था कर किया कांटे जैसा शरीर।
फलाहार ही ग्रहण कर सदा रही गंभीर॥
बेलपत्र भी चबाये थे मन में अटल विशवास।
जल से भरा कमंडल ही रखा था अपने पास॥
रूद्राक्ष की माला से करूँ आपका जाप।
माया विषय में फंस रहा, सारे काटो पाप॥
नवरात्रों की माँ, कृपा करदो माँ।
जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय ब्रह्मचारिणी माँ॥
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