भजन: आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं - Aarti Jagjanni Main Teri Gaaun

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आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं ।
तुम बिन कौन सुने वरदाती,
किस को जा कर विनय सुनाऊं ॥

असुरों ने देवों को सताया,
तुमने रूप धरा महामाया ।
उसी रूप का मैं दर्शन चाहूँ ॥

रक्तबीज मधुकैटब मारे,
अपने भक्तों में काज सँवारे ।
मैं भी तेरा दास कहाऊं ॥

आरती तेरी करू वरदाती,
हृदय का दीपक नैयनो की भांति ।
निसदिन प्रेम की ज्योति जगाऊं ॥

ध्यानु भक्त तुमरा यश गाया,
जिस ध्याया, माता फल पाया ।
मैं भी दर तेरे सीस झुकाऊं ॥

आरती तेरी जो कोई गावे,
चमन सभी सुख सम्पति पावे ।
मैया चरण कमल राज चाहूँ ॥






Comments

Kamlesh Kumar said…
This comment has been removed by the author.
Kamlesh Kumar said…
Ati sundar Bhajan Lyrics

https://bhaktibhajanlyrics.com/

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