Posts

Showing posts with the label Navratri Song

भजन: जय माँ सिद्धिधात्री - Jai Maa Siddhidhatri

Image
नवमी का नवरात्र ही पूरण कराए काम। सिद्धिधात्री रूप को करते सभी प्रणाम॥ चरुत्भूजी दर्शन दिया कमल पुष्प आसन। शंख चक्र गदा लिए करती जग शासन॥ अमृत पद शिव को दिया अंग संग मुस्कान। सब के कष्टों को हरो देकर भक्ति ग्यान॥ दिखलाती हो आप ही सूर्य चन्द्र आकाश। देती सभी दिशाओं को जल वायु प्रकाश॥ वरद हस्त हो आपका सुख समृधि पाए। इधर उधर ना भटकूँ मैं मुझ को भी अपनाए॥ नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ । नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ ॥ जय माँ सिद्धिधात्री । जय माँ सिद्धिधात्री ॥

भजन: जय माँ महागौरी - Jai Maa Mahagauri

Image
नवरात्रि में विशेष है महागौरी का ध्यान। शिव की शक्ति देती हो अष्टमी को वरदान॥ मन अपना एकाग्र कर नन्दीश्वर को पाया। सुबह शाम के दूप से काली हो गई काया॥ गंगा जल की धार से शिव स्नान कराया। देख पति के प्रेम को मन का कमल खिलाया॥ बैल सवारी जब करे शिवजी रहते साथ। अर्धनारीश्वर रूप में आशीर्वाद का हाथ॥ सर्व कला सम्पूरण माँ साधना करो सफल। भूलूं कभी ना आपको याद रखूं पल पल॥ नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ । नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ ॥ जय माँ महागौरी । जय जय महागौरी ॥

भजन: जय माँ कालरात्रि - Jai Maa Kalratri

Image
सातवा जब नवरात्र हो आनंद ही छा जाता। अन्धकार सा रूप ले पुजती हो माता॥ गले में विद्युत माला है, तीन नेत्र प्रगटाती। धरती क्रोधित रूप माँ चैन नहीं वो पाती॥ गर्दब पर वो बैठ कर पाप का भोज उठाती। धर्म की रखती मर्यादा विचलित सी हो जाती॥ भूत प्रेत को दूर कर निर्भयता है लाती। योगिनिओं को साथ ले धीरज वो दिलवाती॥ शक्ति पाने के लिए तांत्रिक धरते ध्यान। मेरे जीवन में भी दो हलकी सी मुस्कान॥ नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ । नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ ॥ जय माँ कालरात्रि । जय माँ कालरात्रि ॥

भजन: जय माँ कात्यायनी - Jai Maa Katyayani

Image
नवरात्रि का छठा है यह माँ कात्यायनी रूप। कलयुग में शक्ति बनी दुर्गा मोक्ष स्वरूप॥ कात्यायन ऋषि पे किया माँ ऐसा उपकार। पुत्री बनकर आ गयी, शक्ति अनोखी धार॥ देवों की रक्षा करी, लिया तभी अवतार। बृज मंडल में हो रही आपकी जय जय कार॥ गोपी ग्वाले आराधा था जब जब हुए उदास। मन की बात सुनाने को आए आपके पास॥ श्री कृष्णा ने भी जपा अम्बे आपका नाम। दया दृष्टि मुझपर करो बारम्बार प्रणाम॥ नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ । नवरात्रों की माँ कृपा करदो माँ ॥ जय कात्यायनी माँ । जय जय कात्यायनी माँ ॥

भजन: जय माँ स्कन्दा माता - Jai Maa Skanda Mata

Image
नवरात्रि के पांचवी स्कन्दा माता माहारानी। इसका ममता रूप है ध्याए ग्यानी ध्यानी॥ कार्तिक्ये को गोद ले करती अनोखा प्यार। अपनी शक्ति दी उसे करे रकत संचार॥ भूरे सिंह पे बैठ कर मंद मंद मुस्काए। कमल का आसन साथ में उसपर लिया सजाए॥ आशीर्वाद दे हाथ से, मन में भरे उमंग। कीर्तन करता आपका छाडे नाम का रंग॥ जैसे रूठे बालक की सुनती आप पुकार। मुझको भी वो प्यार दो मत करना इनकार॥ नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ । नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ ॥ जय माँ सकंदा माता । जय माँ सकंदा माता ॥

भजन: जय माँ कुष्मांडा मैया - Jai Maa Kushmanda Maiya

Image
चौथा जब नवरात्र हो, कुष्मांडा को ध्याते। जिसने रचा ब्रह्माण्ड यह, पूजन है करवाते॥ आध्शक्ति कहते जिन्हें, अष्टभुजी है रूप। इस शक्ति के तेज से कहीं छाव कही धुप॥ कुम्हड़े की बलि करती है तांत्रिक से स्वीकार। पेठे से भी रीज्ती सात्विक करे विचार॥ क्रोधित जब हो जाए यह उल्टा करे व्यवहार। उसको रखती दूर माँ, पीड़ा देती अपार॥ सूर्य चन्द्र की रौशनी यह जग में फैलाए। शरणागत की मैं आया तू ही राह दिखाए॥ नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ। नवरात्रों की माँ कृपा कर दो माँ॥ जय माँ कुष्मांडा मैया। जय माँ कुष्मांडा मैया॥

भजन: जय माँ चंद्रघंटा - Jai Maa Chandraghanta

Image
नवरात्रि के तीसरे दिन चंद्रघंटा का ध्यान। मस्तक पर है अर्ध चन्द्र, मंद मंद मुस्कान॥ दस हाथों में अस्त्र शस्त्र रखे खडग संग बांद। घंटे के शब्द से हरती दुष्ट के प्राण॥ सिंह वाहिनी दुर्गा का चमके सवर्ण शरीर। करती विपदा शान्ति हरे भक्त की पीर॥ मधुर वाणी को बोल कर सब को देती ग्यान। जितने देवी देवता सभी करें सम्मान॥ अपने शांत सवभाव से सबका करती ध्यान। भव सागर में फसा हूँ मैं, करो मेरा कल्याण॥ नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ। जय माँ चंद्रघंटा, जय माँ चंद्रघंटा॥

भजन: जय माँ ब्रह्मचारिणी - Jai Maa Brahmcharini

Image
जय माँ ब्रह्मचारिणी, ब्रह्मा को दिया ग्यान। नवरात्रे के दुसरे दिन सारे करते ध्यान॥ शिव को पाने के लिए किया है तप भारी। ॐ नमो शिवाय जाप कर शिव की बनी वो प्यारी॥ भक्ति में था कर किया कांटे जैसा शरीर। फलाहार ही ग्रहण कर सदा रही गंभीर॥ बेलपत्र भी चबाये थे मन में अटल विशवास। जल से भरा कमंडल ही रखा था अपने पास॥ रूद्राक्ष की माला से करूँ आपका जाप। माया विषय में फंस रहा, सारे काटो पाप॥ नवरात्रों की माँ, कृपा करदो माँ। जय ब्रह्मचारिणी माँ, जय ब्रह्मचारिणी माँ॥

भजन: जय माँ शैलपुत्री - Jai Maa Shailputri

Image
नवरात्र माँ दुर्गा का पहला रूप - शैलपुत्री (अनंत देवियों की शक्ति) माँ शैलपुत्री पर्वतराज हिमालय की पुत्री हैं, इसलिए इन्हे पार्वती एवं हेमवती के नाम से भी जाना जाता है। माँ शैलपुत्री की आराधना से मनवांछित फल प्राप्त होता है। जय माँ शैलपुत्री प्रथम, दक्ष की हो संतान । नवरात्रे के पहले दिन करें आपका ध्यान ॥ अग्नि कुण्ड में जा कूदी, पति का हुआ अपमान । अगले जनम में पा लिया शिव के पास स्थान ॥ राजा हिमाचल से मिला पुत्री बन सम्मान । उमा नाम से पा लिया देवों का वरदान ॥ सजा है दाये हाथ में संघारक त्रिशूल । बाए हाथ में ले लिया खिला कमल का फूल ॥ बैल है वाहन आपका, जपती हो शिव नाम । दर्शन ने आनंद मिले अम्बे तुम्हे प्रणाम ॥ नवरात्रों की माँ, कृपा कर दो माँ । जय माँ शैलपुत्री, जय माँ शैलपुत्री ॥

श्री काली माता जी की आरती - Shri Kali Mata Ji Ki Aarti in Hindi

Image
अम्बे तू है जगदम्बे काली, जय दुर्गे खप्पर वाली । तेरे ही गुण गायें भारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥ तेरे भक्त जनों पे माता, भीर पड़ी है भारी। दानव दल पर टूट पडो माँ, करके सिंह सवारी ॥ सौ सौ सिंहों से तु बलशाली, दस भुजाओं वाली । दुखिंयों के दुखडें निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥ माँ बेटे का है इस जग में, बड़ा ही निर्मल नाता । पूत कपूत सूने हैं पर, माता ना सुनी कुमाता॥ सब पर करुणा दरसाने वाली, अमृत बरसाने वाली । दुखियों के दुखडे निवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती ॥ नहीं मांगते धन और दौलत, न चाँदी न सोना । हम तो मांगे माँ तेरे मन में, इक छोटा सा कोना ॥ सबकी बिगडी बनाने वाली, लाज बचाने वाली । सतियों के सत को संवारती, ओ मैया हम सब उतारें तेरी आरती॥ Ambe tu hai jagdambe kali, jai durge khappar wali tere hi gun gaayen bharti, o maiya ham sab utare teri aarti tere bhakt jano pe mata, bheer padi hai bhari danav dal par toot pado maa, karke sinh sawari sau sau sinho se tu balashali, das bhujaon wali dukhiyo ke dukhade...