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भजन: हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम - He Gau Mata Tumhe Pranaam

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हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम ! मंगलदातृ हे गोमाता,  हम सब करते तुम्हें प्रणाम। दूध दही देती कल्याणी,  और असंख्य हैं तेरे नाम॥ कामधेनु है तु सुरभी है,  विश्वरूप तू सुख का धाम। सर्वरूप हैं तेरे जननी,  तीर्थरूप तू श्यामा श्याम॥ वेदों में है कीर्ति छा रही,  अध्न्या भी है तेरा नाम। परम पवित्र तेजमय तू है,  तुष्टि तुष्टिमय तेरा धाम॥ वृन्दावन में कृष्ण कन्हैया,  तुझे पालते आठों याम। दूध दही मक्खन मिश्री से,  खेल खेलते हैं घनश्याम॥ देश हमारा तब कहलाता,  सुख-समृद्धि का शोभा धाम। घी दूध की नदिया बहतीं,  नहीं गरीबी का था नाम॥ वही स्थिति फिर लाने को,  गो सेवाव्रत लें अविराम। गोरक्षा में जान लगा दें,  पूरण होंगे सारे काम॥ हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम !

भजन: गौ सेवा में थोङा लगा ले प्राणी ध्यान रे - Gau Seva Mein Thoda Laga Le Pranee Dhyan Re

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गौ सेवा में थोङा, लगा ले प्राणी ध्यान रे ॥ झूठी जग की माया, प्रभु का ही सच्चा नाम है । गौ माता की सेवा ही, सबसे बढ़कर काम है । गौ माता की सेवा से, खुश होते भगवान रे ॥ गौ सेवा में थोङा, लगा ले प्राणी ध्यान रे... मोटर बग्घी बंगला, न साथ तेरे जा पाएँगे । सखा भ्रात सुत नाती, इस धन को व्यर्थ गवाएंगे । इस दौलत को प्यारे, तूँ क्यों करता बेकार रे ॥ गौ सेवा में थोङा, लगा ले प्राणी ध्यान रे... न साथ में कुछ तूँ लाया, न साथ में कुछ ले जायेगा । मुट्ठी बांधे आया है, और हाथ पसारे जायेगा । पूंछ पकङकर गौ की, कर वैतरणी पार रे ॥ गौ सेवा में थोङा, लगा ले प्राणी ध्यान रे... जनम मनुष्य का पाया, नेक काम कोई तूं कर ले । कहता है ये गौ प्रेमी, तू नेह गऊ से कर ले । गौ माता की सेवा से, भरते हैं भण्डार रे ॥ गौ सेवा में थोङा, लगा ले प्राणी ध्यान रे... ।। जय गौ माता ।।

भजन: गौमाता की सेवा करना हर हिन्दू का कर्म है - Gau Mata Ki Seva Karana Har Hindu Ka Karm Hai

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गौ-माता की सेवा करना, हर हिन्दू का कर्म है । गौ-माता की रक्षा करना, हर हिन्दू का धर्म है ।। सूखे तिनके खाकर भी जो, दूध सभी को देती है । शाकाहारी मूक बेचारी, जो दे दो वो खा लेती है । बछडों का दूध हमें पिलाती, ये दिल की कितनी नर्म है ।।१।। गौमाता की सेवा करना... बूढी और लाचारी गैया, निशदिन काटी जाती है । जीवन भर अमृत पिलाती, कैसी गति वो पाती है । भारत हिन्दू देश में, होता ये कैसा अधर्म है ।।२।। गौमाता की सेवा करना... हिन्दू एकता और शक्ति का, गौमाता ही प्रतिक है । राष्ट्र चिन्ह इसको बनवाओ, बात ये बिलकुल ठीक है । खून हमारा भी ठण्डा नहीं, बतला दो ये गर्म है ।।३।। गौमाता की सेवा करना... हर नगर गाँव और देश में, गौशालाये बनवाओ । हिन्दुओ की माताओ को, खुले आम ना कटवाओ । जागो हिन्दू भाई बहनो, बची अगर कुछ शर्म है ।।४।। गौमाता की सेवा करना... ।। जय गौ-माता ।। ।। जय श्री कृष्णा ।।

भजन: गूंज उठी यह धरती सारी गौरक्षा के नारों से - Goonj Uthi Yah Dharati Sari Gauraksha Ke Naron Se

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॥ श्रीसुरभ्यै नमः ॥ गुंज उठी यह धरती सारी गौरक्षा के नारो से-2 जुंज पङो ऐ भारत वालो, गौओ के हत्यारों से-2 कहाँ छूपे यदुवंशी सारे झट अपना मुख दिखलाओ, वीर पाण्डवों की संतानों फिर मैदानों में आओ, गौमाता के प्राण बचाओ, इन पापी गद्दारों से। जुंज पङो ऐ भारत वालो, गौओ के हत्यारों से-2 गुंज उठी यह धरती सारी गौरक्षा के नारो से-2 कहाँ गई वो परशुराम की इकलौती संताने, कहाँ गये वो हल्दी घाटी के महाराणा मस्ताने, कहाँ गयी वो वीर रमणीया जो खेली अंगारों से। जुंज पङो ऐ भारत वालो, गौओ के हत्यारों से-2 गुंज उठी यह धरती सारी गौरक्षा के नारो से-2 जाग उठो हे वीर मराठों दुश्मन को अब ललकारो। गौमाता के प्राण बचाओ हे पंजाबी सरदारों। दिल्ली की गलियाँ गुंजा दो, अपनी तेज हुँकारों से। जुंज पङो ऐ भारत वालो, गौओ के हत्यारों से-2 गुंज उठी यह धरती सारी गौरक्षा के नारो से-2 जगतगुरू के सपने को अब सच्चा कर दिखलाओ, इतिहासों के पन्नों पर तुम काला दाग न लगवाओ, गौरक्षा की भीख मांगता भंवर हिन्द रखवालों से, जुंज पङो ऐ भारत वालो, गौओ के हत्यारों से-...