भजन: हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम - He Gau Mata Tumhe Pranaam

हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम ! मंगलदातृ हे गोमाता, हम सब करते तुम्हें प्रणाम। दूध दही देती कल्याणी, और असंख्य हैं तेरे नाम॥ कामधेनु है तु सुरभी है, विश्वरूप तू सुख का धाम। सर्वरूप हैं तेरे जननी, तीर्थरूप तू श्यामा श्याम॥ वेदों में है कीर्ति छा रही, अध्न्या भी है तेरा नाम। परम पवित्र तेजमय तू है, तुष्टि तुष्टिमय तेरा धाम॥ वृन्दावन में कृष्ण कन्हैया, तुझे पालते आठों याम। दूध दही मक्खन मिश्री से, खेल खेलते हैं घनश्याम॥ देश हमारा तब कहलाता, सुख-समृद्धि का शोभा धाम। घी दूध की नदिया बहतीं, नहीं गरीबी का था नाम॥ वही स्थिति फिर लाने को, गो सेवाव्रत लें अविराम। गोरक्षा में जान लगा दें, पूरण होंगे सारे काम॥ हे गोमाता, तुम्हें प्रणाम !