भजन: भावना की ज्योत को जगा के देख ले - Bhavna Ki Jyot Ko Jaga Ke Dekh Le
भावना की ज्योत को जगा के देख ले,
बोलती है मूर्ती, बुला के देख ले,
सौ बार चाहे आजमा के देख ले,
बोलती है मूर्ती, बुला के देख ले ।
आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...
करोगे जो सवाल तो जवाब मिलेगा,
यहां पुण्य-पाप सबका हिसाब मिलेगा,
भले-बुरे सबको पहचानती है माँ,
खरी-खोटी सबकी ही जानती है माँ,
श्रद्धा से सर को झुका के देख ले,
बोलती है मूर्ती, बुला के देख ले ।
आओ माँ... आओ माँ...
आओ माँ... आओ माँ...
भावना की ज्योत को जगा के देख ले,
बोलती है मूर्ती, बुला के देख ले,
सौ बार चाहे आजमा के देख ले,
बोलती है मूर्ती, बुला के देख ले ।
स्वर: सौरभ मधुकर
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