भजन: जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है - Jo Bhi Maa Ki Bhakti Ka Deewana Hota Hai
जो भी माँ की भक्ति दीवाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है।
सुबह-शाम श्रद्धा से जो ले माँ का नाम,
पल में ही बनते उसके बिगड़े हुए काम।
जो न पूजे माँ को वो अनजाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है।
जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है।
हरदम भला ही सबका करती है ये,
भंडार भक्त जनों के भरती है ये।
निर्धन भी माँ के फल से धनवाला होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है।
जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है ।
है और जग में भला माँ से बड़ा कौन,
मूक भी दया से माँ की कैसे रहे मौन।
माँ की कृपा से जो जाना पहचाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है ।
जो भी माँ की भक्ति का दीवाना होता है,
वो हमेशा हर ग़म से बेगाना होता है।
भजनकार - मनोज कुमार खरे
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