भजन: जय शम्भू जय जय शम्बू - Jai Shambu Jai Jai Shambu
काशी वाले देवघर वाले, भोले डमरू धारी ।
खेल तेरे हैं निराले शिव शंकर त्रिपुरारी ।।
जयति जयति जय कशी वाले, काशो वाले देवघर वाले ।
खेल हैं तेरे नाथ निराले, जय शम्भू जय जय शम्बू ।।
जो भी तेरा ध्यान धरे, उसका सुर नर मौन करे ।
जनम मरण से वो उभरे, भोले चरण तुम्हारे जो धरले ।।
दया करो विष पीने वाले, भक्त जानो के तुम रखवाले ।
तुम बिन नैया कौन संभाले, जय शम्भू जय जय शम्बू ।।
ऐसे हो औगड़दानी, देते हो वार मन मानी ।
भस्मासुर था अभिमानी, भस्मसुर की शैतानी ।।
पारवती बन विष्णु आए, दगाबाज नो मज़ा चखाए ।
भांग धतूरा आप ते खाए, जय शम्भू जय जय शम्बू ।।
अपनी विपदा किसे सुनाएँ, मन में इक आशा हैं ललए ।
श्री चरणो की धुल मिले जो नैयन हमारे दर्शन पाएं ।।
आस हमारी पूरी करदो, मेरी खाली झोली भरदो ।
एक नज़र मुझ पे भी करदो, जय शम्भू जय जय शम्बू ।।
जो भी आया तेरे द्वारे, जागे उसके भाग्य सितारे ।
मैं शरणागत शरण तिहारे, बोले शरण तिहारे, शरण तिहारे ।।
करूँ नहीं कोई लाखों टारे,
'शर्मा' को मत भूलो स्वामी, हे कैलाशी अन्तर्यामी ।
ओम नमो शिव नमो नमामि, जय शम्भू जय जय शम्बू ।।
स्वर: लखबीर सिंह लक्खा

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