राधे का ख़त - The Letter of Radha (कृष्ण कथा)

ब्रज से वापिस आते वक़्त जो दशा उद्धव जी की थी, उसे सिर्फ वो ही जान सकता है जिसने या तो उन्हें इस हाल में देखा हो या फिर जिन्हें कृष्णा-भक्ति के नशे का थोडा भी अनुमान है।

ब्रज की राज में धुल-धूसित, अंग-वस्त्र के ध्यान से परे राधा नाम रटते उद्धव जी मानो रोम-रोम से ब्रज गोपियों का प्रेम - सन्देश हर मथुरा वासी को सुना रहे थे।

कान्हा ने तो आते ही उद्धव जी को गले से लगा लिया मानो पूरे ब्रज को आज अपने आलिंगन में भर लिया हो।

उद्धव ने आसुओं से गीला वो पत्र श्री कृष्ण के चरणों में रख दिया जो श्री राधे ने स्वयं अपने हाथों से अपने सांवरे को लिखा था।

“कान्हा जी,

कान्हा जी.... संभव है, आप तो हमें भूल ही गए होंगे। मथुरा की सुन्दर राजकुमारियों के आगे। वैसे भी ब्रज की  ये ग्वालिन कहाँ याद रहने वाली।
वैसे भूल तो हम भी आप को गए हैं आप से वादा जो किया था।
आपकी मुरली तो हम बिलकुल ही भूल गए केशव, हाँ बस कभी-कभी आपकी तरह पीताम्बर ओढ़ कर ‘कदम’ के नीचे मुरली बजा लेते हैं या सच कहें तो ये संयोग नित्य ही हो जाता है।
वैसे तो आपके सर पर सजने वाला मोरमुकुट भी हमें याद नहीं....गोविन्द...हाँ...अपनी गायों और उनके बछड़ों को सजाते वक़्त ...मोरपंख के अतिरिक्त और कोई रत्न-श्रृंगार याद ही नहीं आता...
आपकी सांवरी-सलोनी मुस्कान तो हमें बिलकुल भी याद नहीं....चितचोर...हाँ....किसी को भी...मुस्कुराते देख...एक जाना पहचाना सा मुखड़ा ...अनायास ही आँखों के सामने आ जाता है....
आपके कजरारे नैनो के चितवन से अब हमें क्या वास्ता....सांवरे ...हाँ....यमुना जी के गहरे काले भंवर ...जैसे आज भी ...कुछ इशारा सा करते हैं....
आपके सजाए झूले पर तो अब हमारी दृष्टि भी नहीं जाती...माधव...बस सावन में सुबह-शाम ललिता-विशाखा के साथ पहरों उसे निहारते रहते हैं....
सांझ को चलने वाली हवा...और कोयल की आवाज़ ...भी हमे कुछ याद नहीं दिलाती...कान्हा जी....हां ...बस हमारे कदम...अपने आप ही वृन्दावन की और दौड़ जाते हैं...
सच कहें तो हम आप को बिलकुल ही भूल गए हैं....मेरे कन्हैया....हाँ....ये कलम तो अपने आप ना जाने क्या क्या लिखती जाती है.....”
-------आपको भूल चुकी—राधे....

राधे राधे राधे राधे राधे राधे राधे
जय श्री राधा माधव, जय श्री कुंज बिहारी

Comments

Popular posts from this blog

भजन: आरती जगजननी मैं तेरी गाऊं - Aarti Jagjanni Main Teri Gaaun

श्री शिवाष्टक - Shri Shivashtak in Hindi

भजन: बजरंग बाला जपूँ थारी माला - Bajrang bala japu thari mala

श्री शिव प्रातः स्मरण स्तोत्रम् - Shri Shiv Pratah Smaran Stotram in Hindi

श्री गीता सार - Shri Geeta Saar in Hindi