भजन: शिव पूजा में मन लीन रहे मेरा मस्तक हो और द्वार तेरा - Shiv Pooja Me Man Leen Rahe Mera Mastak Ho Aur Dwar Tera
मिट जाए जन्मों की तृष्णा मिले भोले शंकर प्यार तेरा ।
तुझ में खोकर जीना है मुझे मैं बूंद हूँ तू एक सागर है,
तुझ बिन जीवन का अर्थ है क्या मैं तारा हूँ तू अम्बर है,
तूने मुझ को स्वीकार किया क्या कम है यह उपकार तेरा
शिव पूजा में मन लीन रहे...
यूं मुझको तेरा प्यार मिला, बेजान को जैसे जान मिली,
जिस दिन से तुझको जाना है मुझको अपनी पहचान मिली,
दे दी तूने चरणों में जगह आभारी हूं सौ बार तेरा
शिव पूजा में मन लीन रहे...
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