भजन: भोले के कांवड़िया मस्त बड़े मत वाले हैं - Bhole Ke Kawadiya Mast Bade Matwale Hain
चली कांवड़ियों की टोली, सब भोले के हमजोली,
गौमुख से गंगाजल वो लाने वाले हैं।
भोले के कांवड़िया मस्त बड़े मत वाले हैं
सब अलग अलग शहरों से चलकर आते हैं,
कंधे पे उठा के कावड़ दौड़े जाते है।
है कठिन डगर पर ये ना, रुकने वाले हैं,
भोले के कावड़िया...
कोई भांग धतूरा बेल की पत्रि लाए है,
कोई दूध दही मलमल के तिलक लगाए हैं।
यह सब मस्तानी शिव के, चाहने वाले हैं,
भोले के कावड़िया...
‘नोधी’ जिद्द छोड़ो कावड़ आप उठा भी लो,
संघ ‘लव’ के शिव भोले की महिमा गावी लो।
‘सनी’ ‘दीपक’ भी साथ ही जाने वाले हैं
भोले के कावड़िया...
स्वर: लव राज अटवाल
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