यमराज और एक लड़का - Yamraj and a Boy

यमराज-और-एक-लड़का-yamraj-and-a-boy-a-moral-story

एक दिन यमराज एक लड़के के पास आये और बोले -
"लड़के, आज तुम्हारा आखरी दिन है।"

लड़का : "लेकिन मैं अभी तैयार नही हूँ।"
यमराज : "ठीक है, लेकिन सूची मे तुम्हारा नाम सबसे पहला है।"

लड़का : "तो फिर क्यूं ना हम जाने से पहले साथ मे बैठ कर एक कप चाय पी ले ?"
यमराज : "ठीक है, तुम्हारी अंतिम इच्छा भी पूर्ण कर देते हैं।"

लड़के ने चाय मे नींद की गोली मिला कर यमराज को दे दी।
यमराज ने चाय खत्म की और गहरी नींद मे सो गया।

तब तक उस लड़के ने सूची में से अपना नाम शुरुआत से हटा कर अंत मे लिख दिया।

जब यमराज को होश आया तो वह लड़के से बोले - "क्यूंकि तुमने मेरा बहुत ख्याल रखा, इसलिये मैं अब सूची अंत से चालू करूँगा। और यमराज उस लड़के को अपने साथ ले गए।"

सीख :
"किस्मत का लिखा कोई नही मिटा सकता।"
अर्थात - जो तुम्हारी किस्मत में है वह कोई नही बदल सकता चाहे तुम कितनी भी कोशिश कर लो।

इसलिये भगवत गीता में श्री कृष्ण ने कहा है -
"तू करता वही है जो तू चाहता है,
पर होता वही है जो मैं चाहता हूँ।
तू कर वह जो मैं चाहता हूँ
फिर होगा वही जो तू चाहता हैं।"

यह एक अर्थपूर्ण है !
इसलिये इसे पढे और दूसरों को भी इसके बारे मे बताये।

* जय, जय, श्रीराधे *





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