श्री विष्णु भगवान जी की आरती - Shri Vishnu Ji ki Aarti in Hindi
।। श्री विष्णु भगवान जी की आरती ।।
ॐ जय जगदीश हरे, स्वामी जय जगदीश हरे ।
भक्त जनों के संकट, दास जनों के संकट, क्षण में दूर करे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
ॐ जय जगदीश हरे...
जो ध्यावे फल पावे, दुख बिनसे मन का स्वामी दुख बिनसे मन का ।
सुख सम्पति घर आवे, सुख सम्पति घर आवे, कष्ट मिटे तन का ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
मात पिता तुम मेरे, शरण गहूं मैं किसकी स्वामी शरण गहूं मैं किसकी ।
तुम बिन और न दूजा, प्रभु बिन और न दूजा, आस करूं मैं जिसकी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम पूरण परमात्मा, तुम अंतरयामी स्वामी तुम अंतरयामी ।
पारब्रह्म परमेश्वर, पारब्रह्म परमेश्वर, तुम सब के स्वामी ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम करुणा के सागर, तुम पालनकर्ता स्वामी तुम पालनकर्ता ।
मैं मूरख खल कामी मैं सेवक तुम स्वामी, कृपा करो भर्ता ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
तुम हो एक अगोचर, सबके प्राणपति, स्वामी सबके प्राणपति ।
किस विधि मिलूं दयामय, किस विधि मिलूं दयामय, तुमको मैं कुमति ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
दीनबंधु दुखहर्ता, ठाकुर तुम मेरे, स्वामी रक्षक तुम मेरे ।
अपने हाथ उठाओ, अपने शरण लगाओ द्वार पड़ा तेरे ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
विषय विकार मिटाओ, पाप हरो देवा, स्वमी पाप हरो देवा ।
श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, श्रद्धा भक्ति बढ़ाओ, संतन की सेवा ॥
ॐ जय जगदीश हरे...
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