क्यों की जाती है भगवान गणेश की पूजा ? - Why do Worship Lord Ganesha ?
भगवान गणेश को सभी अच्छे गुणों और सफलताओं का देवता माना जाता है इसीलिए लोग हर अच्छे काम को करने से पहले गणेश जी की पूजा करना शुभ मानते हैं। भगवान गणेश के जन्मदिन को गणेश चतुर्थी के रूप में मनाया जाता है। हिंदू धर्म के लोग, आध्यात्मिक शक्ति के लिए, कार्य सिद्धि के लिए और लाभ प्राप्ति के लिए भगवान गणेश का पूजन धूमधाम से करते है। भगवान गणेश को सभी दुखों का हर्ता, संकट दूर करने वाला, सदबुद्धि देने वाला माना जाता है। उनकी पूजा करने से आध्यात्मिक समृद्धि मिलती है और सभी बाधाएं दूर होती है।
भगवान गणेश के हर रूप की पूजा, विशिष्ट व्याख्या प्रदान करती है। भगवान गणेश की पूजा करने वाले लोगों के कई मत होते है। लोगों द्वारा भगवान गणेश की पूजा सर्वप्रथम करने और उसके पीछे के कारणों को जानना बेहद रोचक होता है। आज हम आपको कुछ महत्वपूर्ण और रोचक तथ्य बता रहे हैं कि किसी भी समारोह, उत्सव या अनुष्ठान में भगवान गणेश की पूजा सबसे पहले क्यों की जाती है?
बाधाओं को दूर करते हैं
हिंदू धर्म के सभी अनुयायियों का मानना है कि किसी भी नए काम को शुरू करते समय भगवान गणेश का पूजन करने से उसमें कोई बाधा नहीं आती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी सफलता के रास्ते में कोई बाधा आती है तो भगवान गणेश की पूजा करने से दूर हो जाती है।
हिंदू धर्म के सभी अनुयायियों का मानना है कि किसी भी नए काम को शुरू करते समय भगवान गणेश का पूजन करने से उसमें कोई बाधा नहीं आती है। ऐसा माना जाता है कि अगर आपकी सफलता के रास्ते में कोई बाधा आती है तो भगवान गणेश की पूजा करने से दूर हो जाती है।
आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि
भगवान गणेश जी की एक पत्नी सिद्धि है। सिद्धि, आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। पारंपरिक रूप से, भगवान गणेश की सूंड सीधी तरफ घुमी हुई है इसी कारण उन्हे सिद्धि विनायक भी कहा जाता है।
भगवान गणेश जी की एक पत्नी सिद्धि है। सिद्धि, आध्यात्मिक शक्ति को दर्शाता है। इसलिए भगवान गणेश की पूजा, आध्यात्मिक अंतर्दृष्टि प्राप्त करने का सबसे अच्छा तरीका माना जाता है। पारंपरिक रूप से, भगवान गणेश की सूंड सीधी तरफ घुमी हुई है इसी कारण उन्हे सिद्धि विनायक भी कहा जाता है।
बुद्धि
गणेश जी की एक पत्नी का नाम बुद्धि था, ऐसा माना जाता है। इसीलिए, भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का प्रदाता माना जाता है। हाथी के मस्तिष्क को बुद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
गणेश जी की एक पत्नी का नाम बुद्धि था, ऐसा माना जाता है। इसीलिए, भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का प्रदाता माना जाता है। हाथी के मस्तिष्क को बुद्धि के प्रतीक के रूप में जाना जाता है।
समृद्धि
भगवान गणेश की एक पत्नी का नाम सिद्धि है। सिद्धि से तात्पर्य- समृद्धि से होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में संपन्नता और समृद्धि आती है। भगवान गणेश हमारे जीवन में आने वाली हर समृद्धि के शासक माने जाते हैं।
भगवान गणेश की एक पत्नी का नाम सिद्धि है। सिद्धि से तात्पर्य- समृद्धि से होता है। भगवान गणेश की पूजा करने से जीवन में संपन्नता और समृद्धि आती है। भगवान गणेश हमारे जीवन में आने वाली हर समृद्धि के शासक माने जाते हैं।
घंमड का नाश करते हैं
माना जाता है कि भगवान गणेश, घमंड, स्वार्थ और अभिमान का नाश करते हैं। भगवान गणेश, विविध और शानदार तरीके से भौतिक जगत को अभिव्यक्त करते हैं।
माना जाता है कि भगवान गणेश, घमंड, स्वार्थ और अभिमान का नाश करते हैं। भगवान गणेश, विविध और शानदार तरीके से भौतिक जगत को अभिव्यक्त करते हैं।
भावनाओं पर विजय पाते हैं
भगवान गणेश, ऊपरी बांए हाथ में एक कुल्हाड़ी धारण करते है जो उन्हे मानवीय भावनाओं से मुक्त दर्शाती है और उनके ऊपरी दांए हाथ में कमल है जो उनके अंदर हर भावना को दर्शाता है। अत: स्पष्ट है भगवान गणेश, भावनाओं पर विजय प्राप्त कर चुके हैं और मानव जाति का उद्धार करते हैं।
भगवान गणेश, ऊपरी बांए हाथ में एक कुल्हाड़ी धारण करते है जो उन्हे मानवीय भावनाओं से मुक्त दर्शाती है और उनके ऊपरी दांए हाथ में कमल है जो उनके अंदर हर भावना को दर्शाता है। अत: स्पष्ट है भगवान गणेश, भावनाओं पर विजय प्राप्त कर चुके हैं और मानव जाति का उद्धार करते हैं।
अंहकार मिटाते हैं
भगवान गणेश की पूजा करने से मनुष्य में मन में भरा अंहकार मिट जाता है। भगवान गणेश की सवारी जो उनके पास ही बैठता है, हमेशा दर्शाता है कि कोई भी व्यक्ति अंहकार को छोड़कर सही बन सकता है।
भगवान गणेश की पूजा करने से मनुष्य में मन में भरा अंहकार मिट जाता है। भगवान गणेश की सवारी जो उनके पास ही बैठता है, हमेशा दर्शाता है कि कोई भी व्यक्ति अंहकार को छोड़कर सही बन सकता है।
ज्ञान का उपयोग
भगवान गणेश सदैव बांए पैर को दाएं पैर रखकर बैठते है, जो उनके ज्ञान को दर्शाता है कि वह हर बात को अलग नजरिए से देखते हैं। यह दर्शाता है कि एक सफल जीवन जीने के लिए ज्ञान और भावनाओं का सही उपयोग करना चाहिए।
भगवान गणेश सदैव बांए पैर को दाएं पैर रखकर बैठते है, जो उनके ज्ञान को दर्शाता है कि वह हर बात को अलग नजरिए से देखते हैं। यह दर्शाता है कि एक सफल जीवन जीने के लिए ज्ञान और भावनाओं का सही उपयोग करना चाहिए।
प्रणव का प्रतिनिधित्व करना
भगवान गणेश, ॐ और प्रणव का प्रतिनिधित्व करते हैं। ॐ, हिंदू धर्म का प्रमुख मंत्र है। भगवान गणेश की किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप अवश्य किया जाता है।
भगवान गणेश, ॐ और प्रणव का प्रतिनिधित्व करते हैं। ॐ, हिंदू धर्म का प्रमुख मंत्र है। भगवान गणेश की किसी भी पूजा को शुरू करने से पहले इस मंत्र का जाप अवश्य किया जाता है।
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