Posts

Showing posts with the label Motivational Story

नदी और दोस्त - River and Friend (A Motivational Story)

Image
एक गांव में दो दोस्त रहते थे। एक बार उन्होंने शहर जाकर कुछ काम करने का फैसला किया और शहर के लिए निकल पड़े। गांव के अंत में एक जमी हुई नदी थी। शहर जाने के लिए उन्हें वह नदी पार करनी ही थी। वहां कोई पुल भी नहीं था।  ऐसे में एक दोस्त ने कहा कि नदी पार करना खतरनाक है, इसलिए बेहतर है कि गांव में ही रहें। हालांकि, दूसरा दोस्त कुछ और ही सोच रहा था। उसने मन में निश्चय कर लिया था कि वह किसी भी कीमत पर शहर जाकर ही रहेगा।  अपने इस दृढ़-निश्चय के साथ वह जमी हुई नदी पर आगे बढ़ने लगा। उसका दोस्त किनारे पर खड़ा होकर उसे ऐसा करने से रोक रहा था। वह चिल्ला रहा था कि तुम गिर जाओगे। कुछ कदम चलने के बाद वह लड़का जमी हुई नदी पर फिसल गया।  किनारे खड़े दोस्त ने उसे लौटने के लिए कहा लेकिन वह फिर से खड़ा हुआ और आगे बढ़ने लगा। सावधानी से आगे बढ़ते हुए उसने आखिरकार नदी पार कर ली और शहर की ओर बढ़ गया। वहीं, उसके दोस्त ने नदी पार करने की कोशिश ही नहीं की और वहीं राह गया। मंत्र: अगर आप कुछ ठान लें तो अवश्य ही उसे हासिल कर सकते हैं।

जौहरी और मां का नकली हार - Jeweller and Fake Necklace of Mother

Image
एक जौहरी के निधन के बाद उसका परिवार संकट में पड़ गया। खाने के भी लाले पड़ गए। एक दिन उसकी पत्नी ने अपने बेटे को नीलम का एक हार देकर कहा- "बेटा, इसे अपने चाचा की दुकान पर ले जाओ। कहना इसे बेचकर कुछ रुपये दे दें।" बेटा वह हार लेकर चाचा जी के पास गया। चाचा ने हार को अच्छी तरह से देख परखकर कहा- "बेटा, मां से कहना कि अभी बाजार बहुत मंदा है। थोड़ा रुककर बेचना, अच्छे दाम मिलेंगे।" उसे थोड़े से रुपये देकर कहा कि- "तुम कल से दुकान पर आकर बैठना।" अगले दिन से वह लड़का रोज दुकान पर जाने लगा और वहां हीरों रत्नो की परख का काम सीखने लगा और एक दिन वह बड़ा पारखी बन गया। लोग दूर-दूर से अपने हीरे की परख कराने आने लगे। एक दिन उसके चाचा ने कहा, बेटा अपनी मां से वह हार लेकर आना और कहना कि अब बाजार बहुत तेज है, उसके अच्छे दाम मिल जाएंगे। मां से हार लेकर उसने परखा तो पाया कि वह तो नकली है। वह उसे घर पर ही छोड़ कर दुकान लौट आया। चाचा ने पूछा- "हार नहीं लाए?" उसने कहा, वह तो नकली था। तब चाचा ने कहा- जब तुम पहली बार हार लेकर आये थे, तब मैं उसे नकली बता ...

गर्भवती हिरनी - Pregnant Deer - एक मार्मिक कहानी

Image
  जंगल में एक गर्भवती हिरनी बच्चे को जन्म देने को थी। वो एकांत जगह की तलाश में घुम रही थी कि उसे नदी किनारे ऊँची और घनी घास दिखी। उसे वो उपयुक्त स्थान लगा शिशु को जन्म देने के लिये। वहां पहुँचते ही उसे प्रसाव पीडा शुरू हो गयी। उसी समय आसमान में घनघोर बादल वर्षा को आतुर हो उठे और बिजली कडकने लगी। उसने दाये देखा तो  एक शिकारी तीर का निशाना उस की तरफ साध रहा था। घड़बड़ाकर वह दाहिने मुडी तो वहां एक भूखा शेर झपटने को तैयार बैठा था। सामने सुखी घास आग पकड चुकी थी और पिछे मुडी तो नदी में जल बहुत था । मादा हिरनी क्या करती ? वह प्रसव पीडा सें व्याकुल थी। अब क्या होगा ? क्या हिरनी जीवित बचेगी ? क्या वो अपने शावक को जन्म दे पायेगी ? क्या शावक जीवित रहेगा ? या जंगल की आग सब कु्छ जला देगी ? क्या मादा हिरनी शिकारी के तीर से बच पायेगी ? या मादा हिरनी भुखे शेर का भोजन बनेगी ? वो एक तरफ आग से घिरी है और पिछे नदी है क्या करेगी वो ? उसने अपने आप को शुन्य में छोड, अपने बच्चे को जन्म देने में लग गयी। कुदरत का करिश्मा देखिये .. बिजली चमकी और शिकारी का तीर छोडते हुए आँखे ...