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भजन: रहमत बरसा देना तू फागुन आया है - Rehmat Barasa Dena Tu Phagun Aaya Hai

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रहमत बरसा देना तू फागुन आया है, गंगा के जल को लाने का मौसम आया है। कंधे पे उठा के जल चलते ही जाना है, जल को ले जा के शिवलिंग पे चढ़ाना है, शिव के द्वारे पे सारा संसार आया है। भोले बाबा तेरी यह जुदाई सही जाए ना, बिन तुझको देखे भोले मुझको चैन आये ना, आजाना तू मेरे पास आया मैं दरबार में, कितनी रात गुजारी है तेरे इंतज़ार में, कैसे बताऊँ ओ भोले नाथ मेरे, मैंने श्रद्धा और मन से तुम्हे ध्याया है, सब कुछ छोड़ के आया मैं, फागुन आया है। भक्ति का नशा यह भोले मन में मेरे छाया है, जो भी आज हूँ मैं, भोले सारी तेरी माया है, अँखियाँ कब से तरस रहीं थी तेरे इस दीदार को, आया तेरे चरणो में, भोले मुझको प्यार दो, अब न कभी तू मुझसे होना जुदा, बड़ी मुश्किल से भोले तुझे पाया है, खुशीआं बरसादेना तू, फागुन आया है।

भजन: अमृत सा तेरा पानी तू नदियों की महारानी हर हर गंगे - Amrit Sa Tera Pani Tu Nadiyo Ki Maharani Har Har Gange

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हर हर गंगे, हर हर गंगे हर हर गंगे  अमृत सा तेरा पानी तू नदियों की महारानी  माँ तू है जग कल्याणी,  हर हर गंगे, हर हर गंगे । भागीरथ के तप से तू पिघली, निकली ब्रह्म कमंडल से । निर्मल रहते पावन होते माँ हम तेरे ही जल से । तेरे जल में जीवन बहता,  मुक्ति का साधन रहता,  मन पुलकित होकर कहता, हर हर गंगे, हर हर गंगे । हर हर गंगे, हर हर गंगे ॥ गायत्री सी सिद्धि दायनी, गीता जैसा ज्ञान है तू । सारे जग में माँ गंगे इस भारत की पहचान है तू । तू शोभा कैलाशी की,  गरिमा भारतवासी की,  है शान तू ही काशी की, हर हर गंगे, हर हर गंगे । हर हर गंगे, हर हर गंगे ॥ बही तेरी धारा जिस जिस पथ से वही वही पथ बना तीरथ है । तुझको पाकर धन्य हुए हम अमर हुआ भागीरथ है । कहीं हरिद्वार कहीं संगम,  कहीं गंगा सागर अनुपम,  हर तीरथ तेरा उत्तम, हर हर गंगे, हर हर गंगे । हर हर गंगे, हर हर गंगे ॥ स्वर: महेन्द्र कपूर

श्री गंगा माता जी की आरती - Shri Ganga Mata Ji Ki Aarti in Hindi

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ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ ॐ जय गंगे माता... चन्द्र-सी ज्योति तुम्हारी, जल निर्मल आता । शरण पड़े जो तेरी, सो नर तर जाता ॥ ॐ जय गंगे माता... पुत्र सगर के तारे, सब जग को ज्ञाता । कृपा दृष्टि हो तुम्हारी, त्रिभुवन सुख दाता ॥ ॐ जय गंगे माता... एक बार जो प्राणी, शरण तेरी आता । यम की त्रास मिटाकर, परमगति पाता ॥ ॐ जय गंगे माता... आरती मातु तुम्हारी, जो नर नित गाता । सेवक वही सहज में, मुक्ति को पाता ॥ ॐ जय गंगे माता... ॐ जय गंगे माता, मैया जय गंगे माता । जो नर तुमको ध्याता, मनवांछित फल पाता ॥ ॐ जय गंगे माता...